दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है जो हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। विशेष रूप से रात को सोने से पहले दूध पीना एक पारंपरिक प्रथा है जो नींद की गुणवत्ता में सुधार और शरीर को आराम देने के लिए जानी जाती है। लेकिन जब गाय और भैंस के दूध में से चुनाव करने की बात आती है, तो स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय स्पष्ट है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मत: सोने से पहले गाय का दूध बेहतर
डॉ अरुण कुमार जैसे स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, रात को सोने से पहले गाय का दूध पीना भैंस के दूध की तुलना में अधिक फायदेमंद है। गाय का दूध हल्का और पचने में आसान होता है, जबकि भैंस का दूध गाढ़ा होता है और इसमें प्रोटीन और फैट की मात्रा अधिक होती है जो शरीर को एनर्जी देने का काम करते हैं लेकिन पाचन से जुड़ी समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।
रात में गाय के दूध पीने के फायदे
नींद की गुणवत्ता में सुधार: गाय के दूध में ट्रिप्टोफैन और मेलाटोनिन नामक तत्व होते हैं जो गहरी और आरामदायक नींद को बढ़ावा देते हैं। ट्रिप्टोफैन एक अमीनो एसिड है जो सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के उत्पादन में सहायक है। रात के समय निकाले गए दूध में इन तत्वों की मात्रा और भी अधिक होती है
आसान पाचन: गाय का दूध भैंस के दूध की तुलना में हल्का होता है और पचने में आसान है। इसमें 3-4% फैट होता है जबकि भैंस के दूध में 7-8% फैट होता है। रात के समय जब शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा होता है, तो हल्का दूध पेट पर कम भार डालता है।
तनाव कम करना: गाय के दूध में मौजूद कैसीन-व्युत्पन्न पेप्टाइड्स तनाव कम करने और शांति प्रदान करने में सहायक होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, गाय का दूध वात दोष को शांत करता है, जिससे बेचैनी, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
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रात में भैंस के दूध पीन से होने वाली समस्याएं
भारी पाचन: भैंस का दूध पचने में भारी होता है और इसमें अधिक वसा होती है। जिन लोगों को पाचन धीमा है, बार-बार सर्दी-जुकाम होता है या वजन बढ़ने की प्रवृत्ति है, उन्हें भैंस का दूध रात में पीने से बचना चाहिए।
नींद में बाधा: भैंस के दूध का भारीपन पचाने में मुश्किल हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी पाचन शक्ति कमजोर है। इससे रात में पेट भरा लगने और अच्छी नींद आने में समस्या हो सकती है।
गाय और भेस के दूध के पोषक तत्वों की तुलना
पोषक तत्व | गाय का दूध | भैंस का दूध |
कैलोरी (प्रति कप) | 148-150 | 237-243 |
प्रोटीन | 8 ग्राम | 9 ग्राम |
फैट | 8 ग्राम | 17 ग्राम |
पानी की मात्रा | 88% | 83% |
कैल्शियम | डेली वैल्यू का 32% | डेली वैल्यू का 21% |
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी जानिए कौन सा दूध है बेहतर
आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर प्रताप चौहान के अनुसार, गाय का दूध का स्वाद मीठा और स्वभाव से शीतल होता है, जो शरीर और मन दोनों को आराम देता है और नींद को गहरा और सुकूनभरा बनाता है। आयुर्वेद में रात का समय, खासकर सोने से लगभग 30 मिनट पहले दूध पीने की सलाह दी जाती है।
दूध पीने के सही नियम
सही समय: सोने से 1-2 घंटा पहले दूध पीना चाहिए क्योंकि दूध थोड़ा भारी होता है और इसे पचने में समय लगता है। सोने से तुरंत पहले पीने से पाचन क्रिया बाधित हो सकती है।
तापमान: हमेशा गर्म या हल्का गुनगुना दूध ही पीना चाहिए। ठंडा दूध पचाने में मुश्किल हो सकता है और इससे सर्दी-जुकाम या गले में खराश हो सकती है।
मात्रा: एक गिलास (200-250 मिली) दूध पर्याप्त है। अधिक मात्रा में दूध पीने से पेट में भारीपन हो सकता है।
विशेष स्थितियों में सुझाव
वजन कम करने वालों के लिए: गाय का दूध कम कैलोरी और फैट के कारण बेहतर विकल्प है।
बुजुर्गों के लिए: गाय का दूध आसानी से पचने वाला होने के कारण बेहतर है।
बच्चों के लिए: गाय का दूध हल्का और पचने में आसान होने के कारण उपयुक्त है।
चेतावनी और सावधानियां
लैक्टोज इंटॉलरेंस वाले लोगों को दूध पीने से बचना चाहिए या लैक्टेज टैबलेट का सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं और हार्मोनल समस्याओं से जूझ रही महिलाओं को डॉक्टर की सलाह के बिना अधिक मात्रा में दूध नहीं पीना चाहिए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आयुर्वेदिक डॉक्टरों की सर्वसम्मति यह है कि रात को सोने से पहले गाय का दूध पीना भैंस के दूध की तुलना में अधिक फायदेमंद है। गाय का दूध हल्का, पचने में आसान होता है और इसमें मौजूद ट्रिप्टोफैन और मेलाटोनिन बेहतर नींद में सहायक होते हैं। हालांकि, व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार दूध का चुनाव करना और सही समय पर पीना महत्वपूर्ण है।
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