21 करोड़ भारतीय बन चुके हैं शुगर के मरीज! वजह जानकर कोल्ड ड्रिंक छोड़ देंगे

nithin kamath on Coldrinks

nithin kamath on Coldrinks and Diabetes: गर्मी के मौसम में जैसे ही प्यास लगती है, अक्सर लोग ठंडी कोल्ड ड्रिंक की बोतल खोल लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह तात्कालिक राहत आपको भविष्य में गंभीर बीमारी की ओर धकेल सकती है? भारत में मीठे पेयों की खपत अब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है  और इसके साथ ही डायबिटीज़ का संकट भी गहराता जा रहा है। Zerodha के को-फाउंडर और CEO नितिन कामत ने एक बार फिर इस बढ़ते खतरे को उजागर किया है, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन चुका है।

भारत में सॉफ्ट ड्रिंक्स की खपत और डायबिटीज़ के बीच खतरनाक रिश्ता

Zerodha के CEO नितिन कामथ ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट X (पहले Twitter) पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया कि भारत में सॉफ्ट ड्रिंक्स की खपत पहले से कहीं ज्यादा हो गई है। उन्होंने किसी कंपनी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि हाल ही में एक बेवरेज कंपनी की अर्निंग कॉल से ये जानकारी सामने आई है।

कामत ने इस ट्रेंड को भारत में बढ़ते डायबिटीज़ मामलों से जोड़ा और कहा कि “भारत अब वैश्विक डायबिटीज़ महामारी का केंद्र बन गया है।” इससे पहले भी नवंबर 2023 में उन्होंने डायबिटीज़ को ‘भारत के लिए टाइम बम’ बताया था।

nithin kamath on Coldrinks and Diabetes

डायबिटीज़ अब अमीरों की बीमारी नहीं रही – युवा सबसे ज्यादा जोखिम में

नितिन कामत ने अपने पुराने पोस्ट को कोट करते हुए बताया कि “भारत में डायबिटीज़ के सबसे ज्यादा मरीज़ हैं। एक समय था जब इसे केवल अमीरों की बीमारी कहा जाता था, लेकिन अब यह हर वर्ग में फैल चुकी है।”

एक हालिया अध्ययन के अनुसार, भारत में 21 करोड़ लोग डायबिटीज़ से जूझ रहे हैं।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह बीमारी अब युवाओं को तेजी से जकड़ रही है।

  • अगर आप एक 20 वर्षीय महिला हैं और किसी शहर में रहती हैं, तो आपके जीवन में डायबिटीज़ होने की संभावना 64.6% है।
  • पुरुषों के लिए यह संभावना 55.5% है।

सच्चाई: न जागरूकता है, न इलाज, न ही इंश्योरेंस

कामत ने कहा कि करीब 27.5% डायबिटिक मरीज़ों को पता ही नहीं होता कि उन्हें ये बीमारी है। और जिनको पता होता है, उनमें से बहुत कम ही इलाज कराते हैं। भारत में हेल्थ इंश्योरेंस की स्थिति भी चिंताजनक है — केवल 20% भारतीयों के पास ही स्वास्थ्य बीमा है। बाक़ी लोग अपनी जेब से इलाज का खर्च उठाते हैं, जो गरीब परिवारों पर बहुत बड़ा बोझ बनता है।

समाधान क्या है?

nithin kamath on Coldrinks and Diabetes: कामत के अनुसार, इस समस्या को हल करने के लिए जादुई समाधान नहीं है, लेकिन कुछ जरूरी कदम ज़रूर उठाए जा सकते हैं:

  • पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन चलाना
  • गरीबों के लिए मुफ्त या सस्ता हेल्थ इंश्योरेंस
  • शुरुआती स्तर पर डायबिटीज़ की जांच की सुविधा
  • लाइफस्टाइल में छोटे लेकिन असरदार बदलाव — जैसे रोज़ 5-10 मिनट की वॉक, बैठने का समय कम करना, या हल्का एक्सरसाइज़ करना।

उन्होंने कहा, “हम ऐसे स्टार्टअप्स और संस्थाओं को सपोर्ट कर रहे हैं जो भारतीयों को सेहतमंद बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। लेकिन यह एक व्यापक चुनौती है, जिसमें सरकार से लेकर हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।”

भारत में डायबिटीज़ की बढ़ती दर और सॉफ्ट ड्रिंक्स की खपत के बीच संबंध को नज़रअंदाज़ करना अब संभव नहीं है। जब देश का युवा वर्ग ही इस बीमारी का सबसे बड़ा शिकार बन रहा हो, तब एक राष्ट्र के रूप में यह हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम समय रहते चेत जाएं। स्वास्थ्य का बोझ तब तक नहीं दिखता जब तक शरीर जवाब न दे दे और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

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