Muscle cramp : क्या आप या आपके घर में कोई रात को अचानक सोते समय दर्द से कराह उठता है, क्योंकि हाथ या पैर की नस चढ़ गई होती है? ज़्यादातर लोग इसे मामूली थकान या शरीर में पानी की कमी समझकर टाल देते हैं। लेकिन जब यही समस्या बार-बार होने लगे, तो यह शरीर के अंदर छिपी किसी बड़ी गड़बड़ी की चेतावनी हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें, तो नस चढ़ना कई बार नर्वस सिस्टम या मांसपेशियों से जुड़ी गहरी समस्याओं की तरफ इशारा करता
नस चढ़ने के पीछे छिपे हो सकते हैं ये कारण
रात के समय मांसपेशियों में खिंचाव और नस चढ़ना आमतौर पर ब्लड सर्कुलेशन रुकने या मसल्स में अचानक ऐंठन के कारण होता है। लेकिन जब यह समस्या बार-बार बिना किसी स्पष्ट कारण के हो, तो इन बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है:
- न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर
- पेरिफेरल न्यूरोपैथी (Peripheral Neuropathy)
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन (Electrolyte Imbalance)
- थायरॉयड या डायबिटीज संबंधी गड़बड़ी
इन 3 जरूरी टेस्ट को टालें नहीं
1. ब्लड टेस्ट (Electrolyte Panel और Glucose Test):
इससे यह पता चलता है कि शरीर में पोटैशियम, सोडियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी मिनरल्स की कमी तो नहीं है। इनकी गड़बड़ी नस चढ़ने की मुख्य वजह बन सकती है।
2. नर्व कंडक्शन स्टडी:
अगर समस्या लगातार बनी रहती है, तो इस टेस्ट से यह जाना जा सकता है कि नसों में सिग्नल ठीक से पहुंच रहा है या नहीं। यह नर्व डैमेज की पहचान में मदद करता है।
3. डायबिटीज स्क्रीनिंग और थायरॉयड टेस्ट:
डायबिटीज के कारण नसों को नुकसान पहुंच सकता है, जिसे पेरिफेरल न्यूरोपैथी कहा जाता है। वहीं, थायरॉयड की गड़बड़ी भी मांसपेशियों को प्रभावित कर सकती है।
क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
- रात को सोने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग करें
- दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं
- इलेक्ट्रोलाइट युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे केला, नारियल पानी) लें
- लंबे समय तक एक ही पोजिशन में न बैठें या लेटें
क्या न करें:
- समस्या को हल्के में न लें
- बार-बार नस चढ़ने पर घरेलू उपायों पर निर्भर न रहें
- डॉक्टर से सलाह लेने में देर न करें
नस चढ़ना एक आम समस्या लग सकती है, लेकिन जब यह बार-बार हो और साथ में दर्द या झुनझुनी जैसी शिकायतें भी हों, तो इसे अनदेखा करना सही नहीं। समय रहते सही जांच और इलाज न केवल राहत देगा, बल्कि संभावित गंभीर बीमारी से भी बचा सकता है।
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