Hepatitis B: आजकल बदलती जीवनशैली, असुरक्षित व्यवहार और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के कारण लीवर की बीमारियां बढ़ रही हैं। इन्हीं में से एक है Hepatitis B, जो धीरे-धीरे शरीर के सबसे अहम अंग, लीवर को नुकसान पहुंचाती है। इस बीमारी की खास पहचान है आंखों और त्वचा का पीला पड़ना, जिसे अधिकतर लोग आम पीलिया समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। पर ये लक्षण एक बड़े खतरे की दस्तक हो सकते हैं।
Hepatitis B क्या है? लीवर पर वार करता है ये खामोश किलर
Hepatitis B Virus (HBV) से होने वाला यह संक्रमण लिवर की सूजन का कारण बनता है। यह बीमारी कभी-कभी महीनों तक कोई लक्षण नहीं दिखाती, जिससे यह और ज्यादा खतरनाक हो जाती है। यदि यह संक्रमण क्रॉनिक हो जाए तो यह लीवर फेलियर, सिरोसिस और यहां तक कि लीवर कैंसर तक का कारण बन सकता है।
अगर आंखें और त्वचा होने लगे पीली, तो हो जाएं सावधान – ये हो सकता है Hepatitis B
इस बीमारी में पीलिया (Jaundice) एक सामान्य लेकिन अहम लक्षण है। जब लीवर कमजोर होता है, तो शरीर से बिलीरुबिन नामक पदार्थ नहीं निकल पाता और त्वचा व आंखें पीली होने लगती हैं।
आम संकेत:
- आंखों का सफेद हिस्सा पीला होना
- त्वचा का रंग हल्का या गहरा पीला होना
- पेशाब का रंग गाढ़ा हो जाना
- हल्की खुजली महसूस होना
कैसे फैलता है ये वायरस? रोजमर्रा की छोटी लापरवाही बन सकती है जानलेवा कारण
Hepatitis B किसी संक्रमित व्यक्ति के खून या शरीर के तरल पदार्थ से फैलता है। कई बार हम बिना सोचे-समझे कुछ ऐसी आदतें अपना लेते हैं जो इस वायरस को फैलाने में मददगार बन जाती हैं।
फैलने के प्रमुख कारण:
- संक्रमित सुई या इंजेक्शन का प्रयोग
- संक्रमित रेज़र, ब्रश, या टैटू उपकरण
- असुरक्षित यौन संबंध
- संक्रमित माँ से नवजात को संक्रमण
- खून चढ़वाने से पहले जांच न होना
ध्यान रखें: यह वायरस हाथ मिलाने, खाना शेयर करने या खांसने-छींकने से नहीं फैलता।
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Hepatitis B के लक्षण: इन संकेतों को न करें नजरअंदाज, हो सकता है गंभीर संक्रमण
- आंखें और त्वचा पीली होना
- अत्यधिक थकावट और कमजोरी
- पेट में दाईं ओर हल्का या तेज दर्द
- भूख की कमी
- मतली या उल्टी
- हल्का बुखार
- शरीर में हल्की खुजली
- वजन में गिरावट
कई बार कोई लक्षण नहीं दिखता और बीमारी धीरे-धीरे अंदर ही अंदर बढ़ती रहती है।
क्या Hepatitis B का इलाज मुमकिन है? जानिए कब होता है यह कंट्रोल में और कब बनता है खतरनाक
एक्यूट (अल्पकालिक) संक्रमण:
- यह कुछ हफ्तों में ठीक हो सकता है
- अधिकतर मामलों में दवा की जरूरत नहीं पड़ती
- शरीर खुद वायरस से लड़ लेता है
क्रॉनिक (दीर्घकालिक) संक्रमण:
- वायरस लंबे समय तक शरीर में रह सकता है
- डॉक्टर की निगरानी और एंटीवायरल दवाएं जरूरी होती हैं
- नियमित ब्लड टेस्ट और लिवर फंक्शन टेस्ट कराना चाहिए
बचाव ही सबसे बड़ी दवा: इन उपायों को अपनाकर रहें इस वायरस से सुरक्षित
- Hepatitis B का टीकाकरण (यह 3 डोज में होता है – जन्म पर, 1 महीने पर और 6 महीने पर)
- खून चढ़वाने से पहले जांच सुनिश्चित करें
- सुई, रेजर या ब्रश साझा करने से बचें
- असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं
- टैटू बनवाते समय स्वच्छ और स्टरलाइज्ड उपकरण का प्रयोग करें
- हेल्थकेयर वर्कर्स को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए
बच्चों और नवजात शिशुओं को अनिवार्य रूप से Hepatitis B का टीका दिलवाना चाहिए।
पीली आंखों से मिले चेतावनी का संकेत, समय रहते उठाएं सही कदम
Hepatitis B एक खामोश हमला करने वाला वायरस है जो अगर समय पर पकड़ में न आए तो गंभीर परिणाम दे सकता है। यदि आपकी आंखों या त्वचा का रंग बदल रहा है, थकावट लगातार बनी हुई है, या भूख खत्म हो गई है, तो इसे नजरअंदाज न करें। समय रहते जांच कराएं, और सबसे जरूरी, वैक्सीनेशन जरूर करवाएं।
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