प्रोस्टेट की समस्या के प्राकृतिक उपाय: प्रोस्टेट एक छोटी सी ग्रंथि है, जो पुरुषों के मूत्र और प्रजनन स्वास्थ्य में बड़ी भूमिका निभाती है। लेकिन आधुनिक जीवनशैली, बढ़ती उम्र और असंतुलित खानपान के कारण आज बड़ी संख्या में पुरुष प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। डॉ. नवल कुमार वर्मा, जो वेलनेस और होम्योपैथी के प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं, बताते हैं कि प्रोस्टेट की कई समस्याओं को प्राकृतिक और सुरक्षित तरीकों से ठीक किया जा सकता है, बिना सर्जरी या भारी दवाओं के।
1. प्रोस्टेट क्या है और इसका काम क्या होता है?
प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्राशय के नीचे स्थित होती है और इसका मुख्य कार्य पुरुषों के वीर्य को तरल रूप में बनाए रखना है। यह ग्रंथि PSA (Prostate Specific Antigen) नामक प्रोटीन बनाती है, जो शुक्राणुओं को जीवित रहने और गतिशील बने रहने में मदद करता है। यदि PSA का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाए, तो यह प्रोस्टेट कैंसर या अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
2. क्यों बढ़ रही हैं प्रोस्टेट समस्याएं?
आधुनिक जीवनशैली में तनाव, गलत खानपान, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता पुरुषों में प्रोस्टेट की समस्याओं को तेजी से बढ़ा रही हैं। विशेष रूप से Benign Prostatic Hyperplasia (BPH) यानी प्रोस्टेट का बढ़ जाना, 50 वर्ष की उम्र के बाद आम बात हो गई है। यह मूत्र प्रवाह में रुकावट और पेशाब में तकलीफ का कारण बनता है।
3. प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ते खतरे
रिपोर्ट्स के अनुसार, 75 से 80 वर्ष की उम्र के बीच 80% से अधिक पुरुषों में किसी न किसी रूप में प्रोस्टेट कैंसर पाया जाता है। जोखिम बढ़ाने वाले कारक हैं –
- लंबा कद और अधिक BMI
- धूम्रपान और शराब सेवन
- कम शारीरिक गतिविधि
- अधिक कैल्शियम सेवन
- प्रोसेस्ड फूड और कम सब्जियों वाला आहार
रात में काम करने वाले पुरुषों में भी प्रोस्टेट कैंसर का खतरा तीन गुना अधिक पाया गया है, क्योंकि नाइट शिफ्ट से मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन घटता है।
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4. शुरुआती जांच और बचाव क्यों ज़रूरी है
डॉ. वर्मा के अनुसार, 40 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को हर साल प्रोस्टेट की जांच करानी चाहिए।
मुख्य जांचें हैं:
- PSA टेस्ट (रक्त परीक्षण)
- डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन
- अल्ट्रासाउंड या MRI
- यूरिन एनालिसिस
PSA टेस्ट का बढ़ा हुआ स्तर हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होता। यह संक्रमण, हाल की शारीरिक गतिविधि या यौन संबंध के कारण भी अस्थायी रूप से बढ़ सकता है।
5. प्रोस्टेट की आम बीमारियां
- Prostatitis: संक्रमण या सूजन से जुड़ी स्थिति, जिसमें पेशाब करते समय दर्द होता है।
- Prostatodynia: लंबे समय तक बनी रहने वाली पेल्विक दर्द की समस्या।
- BPH: उम्र के साथ प्रोस्टेट का सामान्य बढ़ना, जिससे पेशाब में परेशानी होती है।
इनमें से अधिकतर स्थितियां जीवनशैली सुधार और प्राकृतिक चिकित्सा से ठीक की जा सकती हैं।
6. डॉ. वर्मा का 10-स्टेप प्रोस्टेट हेल्थ प्रोग्राम
डॉ. वर्मा के अनुसार, प्रोस्टेट रोग शरीर में गहराई से जुड़े असंतुलनों के परिणाम हैं। उन्होंने एक खास “Ten Step Prostate Health Wellness Program” तैयार किया है:
- नियमित व्यायाम
- कीगल एक्सरसाइज
- योग और प्राणायाम
- मेडिटेशन
- प्रोस्टेट मसाज
- वजन नियंत्रण
- होम्योपैथिक उपचार
- संतुलित आहार
- चलना और सक्रिय रहना
- डिटॉक्स और धूम्रपान-शराब से दूरी
7. होम्योपैथिक उपचार: सुरक्षित और प्रभावी विकल्प
डॉ. वर्मा मानते हैं कि होम्योपैथी प्रोस्टेट रोगों के लिए दीर्घकालिक और सुरक्षित इलाज प्रदान करती है। कुछ प्रमुख दवाएं जो उन्होंने सुझाई हैं:
- Sabal Serrulata
- Lycopodium
- Conium Maculatum
- Thuja Occidentalis
- Sarsaparilla
- Chimaphilla Umbellata
इन दवाओं से सूजन, पेशाब में दर्द, और PSA स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।
8. आहार और जीवनशैली से ही संभव है स्वस्थ प्रोस्टेट
- शाकाहारी और जैविक भोजन को प्राथमिकता दें
- पर्याप्त पानी पिएं
- मसालेदार और फास्ट फूड से बचें
- टमाटर, अनार, सोया और ग्रीन टी का सेवन बढ़ाएं
- तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें
प्रोस्टेट एक छोटी लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथि है। आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी कई आदतें इसे नुकसान पहुंचा सकती हैं। डॉ. नवल कुमार वर्मा की रिसर्च यह बताती है कि सही डाइट, योग, व्यायाम और होम्योपैथी के संयोजन से न केवल प्रोस्टेट की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि इसे पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से उलटा भी जा सकता है।
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