गट हेल्थ से मसल्स तक: जानिए कैसे आयुर्वेदिक पाचन शक्ति आपकी फिटनेस को सुपरचार्ज कर सकती है

Men's Health Month

Men’s Health Month : आज के दौर में फिटनेस के प्रति जागरूकता अपने चरम पर है। लोग वेट लिफ्टिंग से लेकर हाई-इंटेंसिटी ट्रेनिंग, मैक्रो काउंटिंग और वॉटर लॉजिक तक हर पहलू को ट्रैक करते हैं। लेकिन इस चकाचौंध भरी फिटनेस जर्नी में एक सबसे जरूरी सिस्टम अक्सर नजरअंदाज हो जाता है,पाचन तंत्र (गट हेल्थ)

फिटनेस की दुनिया में जब बात मसल्स बनाने और स्टैमिना बढ़ाने की आती है, तो लोग प्रोटीन, कैलोरी और सप्लीमेंट्स पर ध्यान देते हैं, but what about digestion? इसी सवाल का जवाब देता है भारत का प्राचीन विज्ञान आयुर्वेद, जो हजारों वर्षों से कहता आया है कि “जो आप खाते हैं, वो आप नहीं हैं, बल्कि जो आप पचाते हैं, वही आप हैं।”

अग्नि: आपकी हर मसल्स के पीछे छिपी असली शक्ति

आयुर्वेद में पाचन अग्नि को ‘अग्नि’ कहा जाता है। यह सिर्फ भोजन को ऊर्जा में नहीं बदलता बल्कि आपकी रिकवरी, नींद, फोकस और यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। कपिवा के चीफ इनोवेशन ऑफिसर डॉ. गोविंदराजन के अनुसार, “आधुनिक फिटनेस में गट हेल्थ को उतनी तरजीह नहीं दी जाती, जितनी दी जानी चाहिए। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो मजबूत अग्नि से ही शरीर प्रोटीन को मसल्स में बदल पाता है, रिकवरी तेज होती है और इम्यून सिस्टम एक्टिव रहता है।”

Men's Health Month gut health
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ये जड़ी-बूटियां नहीं, फिटनेस का सीक्रेट सिस्टम हैं | Men’s Health Month

आयुर्वेद के अनुसार, कुछ विशिष्ट जड़ी-बूटियां पाचन अग्नि को मजबूत करने और परफॉर्मेंस को बढ़ाने में सहायक होती हैं:

  • शिलाजीत: टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाकर मसल स्टैमिना को बेहतर करता है। साथ ही इम्यून सिस्टम को भी बूस्ट करता है।
  • अश्वगंधा: कोर्टिसोल को बैलेंस कर तनाव को कम करता है और डीप स्लीप को सपोर्ट करता है, जिससे रिकवरी बेहतर होती है।
  • गोकषुर: मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और न्यूट्रिएंट अपटेक को बढ़ावा देता है।
  • काली मूसली: मसल्स के सूजन को कम करती है और रिकवरी स्पीड को बढ़ाती है।
  • त्रिफला: आंतों की सफाई और डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है, जिससे पाचन क्रिया और तेज हो जाती है।

आयुर्वेदिक ट्रेनिंग टाइमिंग और डेली रूटीन का विज्ञान

डॉ. गोविंदराजन कहते हैं कि आयुर्वेद केवल दवाएं नहीं, एक परफॉर्मेंस सिस्टम है। “आयुर्वेद के अनुसार सुबह का समय (कफ काल) भारी वर्कआउट के लिए सबसे सही होता है क्योंकि शरीर स्थिर और ताकतवर होता है।”

वहीं, रात में की गई ट्रेनिंग नींद चक्र को बाधित करती है और कोर्टिसोल लेवल बढ़ा देती है। इसी कारण आयुर्वेद में ‘दिनचर्या’ को सर्वोच्च स्थान दिया गया है:

  • सुबह सूर्योदय से पहले उठना
  • गुनगुने पानी से दिन की शुरुआत
  • तय समय पर भोजन करना
  • सोने से पहले स्क्रीन टाइम से दूरी रखना

ये छोटी-छोटी आदतें शरीर के रीकवरी चक्र को मजबूत बनाती हैं और मसल ग्रोथ को स्थायी करती हैं।

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Men’s Health Month : असली ताकत क्या है?

Men’s Health Month के मौके पर यह समझना जरूरी है कि ताकत केवल मसल साइज और पावरलिफ्टिंग रिकॉर्ड नहीं है। असली ताकत वो है:

  • जो पचने के बाद शरीर को अंदर से मजबूत बनाती है
  • जो हाई इंटेंसिटी ट्रेनिंग के बाद भी जल्दी रिकवरी देती है
  • जो स्ट्रेस और थकावट के बीच भी शांत और स्थिर बनी रहती है

डॉ. गोविंदराजन का मानना है,

“अगर आप सही खा रहे हैं, ट्रेनिंग कर रहे हैं, फिर भी थकावट और ब्लोटिंग हो रही है,तो समस्या आउटपुट में नहीं, इनपुट और डाइजेशन में है।”

परफॉर्मेंस सप्लीमेंट्स से पहले पाचन सुधारें

फिटनेस में आगे बढ़ना चाहते हैं? तो सबसे पहले गट हेल्थ पर ध्यान दें। चाहे आप जिम जा रहे हों, रनिंग कर रहे हों या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग—अगर पाचन कमजोर है तो कोई भी रिजल्ट नहीं टिकेगा। आयुर्वेद के सिद्धांत और आधुनिक विज्ञान मिलकर अब एक ऐसी राह दिखा रहे हैं जहां परफॉर्मेंस का असली राज छुपा है,आपके पेट के भीतर

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